दिल्ली के बेकाबू हालात को संभालने के लिए अरविंद केजरीवाल ने सेना बुलाने की मांग की।


मौजूदा हालातों में शाहीन बाग पर सुनवाई नहीं हो सकती-सुप्रीम कोर्ट।
देश में सुकून के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से अजमेर में ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश की गई।


===========
26 फरवरी को अजमेर में सालाना उर्स के दौरान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र मजार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से सूफी परंपरा के अनुरूप चादर पेश की गई। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी प्रधानमंत्री की चादर को लेकर अजमेर पहुंचे। नकवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश भी पढ़ कर सुनाया। पीएम ने उर्स में आने वाले जायरीन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं का देश है और हमारे देश ने सूफी संतों ने अपने आदर्शों एवं विचारों के माध्यम से राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने बाने को सदैव मजबूत करने का प्रयास किया है। शांति और एकता का उनका पैगाम हमें जीवन में अनुशासित, शालीन और संयमित रहने की सीख देता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सद्भाव और सौहाद्र्र के आदर्श प्रतीक के रूप में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह दुनिया भर से विविध आस्थाओं और मान्यताओं के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अनेकता में एकता हमारे देश की खूबसूरती और सालाना उर्स इसी भावना को संजोने, सहेजने और महसूस करने का अवसर है। चूंकि उर्स में चादर प्रधानमंत्री की ओर से पेश की जा रही थी, इसलिए इस मुबारक मौके पर खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोइन सरकार, अंजुमन शेखजादगान के अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती, डॉ. माजिद चिश्ती, दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती, दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रतिनिधि उपस्थित थे। अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी भी दरगाह में उपस्थित रहे।
सेना बुलाने की मांग:
एक ओर ख्वाजा साहब के उर्स पर प्रधानमंत्री देश में अमन चैन की दुआ कर रहे हैं,वहीं देश की राजधानी दिल्ली में साम्प्रदायिक तनाव चरम पर है। कफ्र्यू के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। इसलिए अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सेना बुलाने की मांग की है। केजरीवाल ने 25 फरवरी को अपनी पार्टी के विधायकों के साथ दिल्ली राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर जाप किया था, लेकिन इस जाम का शायद कोई असर नहीं हुआ, इसलिए अब केजरीवाल को सेना बुलाने की मांग करनी पड़ रही है।
शाहीन बाग पर सुनवाई को टाला:
सीएए कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया है। 26 फरवरी को कोर्ट ने कहा कि मौजूदा हालात में सुनवाई नहीं हो सकती। शाहीन बाग के धरने को समाप्त करवाने के लिए कोर्ट ने तीन मध्यस्थ नियुक्त किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर धरना देना सही नहीं है। शांति व्यवस्था के लिए पुलिस अपना काम करे। 


(एस.पी.मित्तल) (26-02-2020)


नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in

वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-95097 07595






M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)