क्या अब भी कांग्रेस समर्थन देती रहेगी?
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18 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सीएए और एनपीआर से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। ये दोनों कानून और प्रावधान अलग अलग है। जनसंख्या गणना के लिए हर 10 साल में जनगणना का काम होता है। उसके तहत एनपीआर के माध्यम से जनगणना का काम होना है। इसी प्रकार संशोधित नागरिकता कानून के माध्यम से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता पर कोई असर पडऩे वाला नहीं है। ठाकरे ने यह भी कहा कि एनआरसी पर केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने माना कि एनआरसी यदि लागू होता है तो आदिवासी क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। ठाकरे ने जिस तरह से सीएए और एनपीआर का समर्थन किया है उससे अब यह सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार चल पाएगी? सब जानते हैं कि शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम इसलिए बने हैं कि कांग्रेस और एनसीपी ने समर्थन दिया है। सीएए और एनपीआर को लेकर कांग्रेस एनसीपी लगातार खिलाफत कर रहे हैं। सीएए कानून को रद्द करने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों की विधानसभाओं ने प्रस्ताव भी पास किया है। सवाल उठता है कि जब उद्धव ठाकरे सीएए का खुला समर्थन कर रहे हैं, तब क्या कांग्रेस अपना समर्थन जारी रखेगी? कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वे सीएए को लागू नहीं करेंगे। अब जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सीएए को लागू करने की बात कर रहे हैं तब महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार को लेकर संशय उत्पन्न हो गया है। असल में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही मतभेद की खबरें आती रही है। हालांकि एनसीपी के नेता शरद पवार ने कहा है कि गठबंधन की सरकार चलती रहेगी। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में देखना होगा कि महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार कितने दिन चलती है।
18 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि सीएए और एनपीआर से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। ये दोनों कानून और प्रावधान अलग अलग है। जनसंख्या गणना के लिए हर 10 साल में जनगणना का काम होता है। उसके तहत एनपीआर के माध्यम से जनगणना का काम होना है। इसी प्रकार संशोधित नागरिकता कानून के माध्यम से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता पर कोई असर पडऩे वाला नहीं है। ठाकरे ने यह भी कहा कि एनआरसी पर केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने माना कि एनआरसी यदि लागू होता है तो आदिवासी क्षेत्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। ठाकरे ने जिस तरह से सीएए और एनपीआर का समर्थन किया है उससे अब यह सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार चल पाएगी? सब जानते हैं कि शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम इसलिए बने हैं कि कांग्रेस और एनसीपी ने समर्थन दिया है। सीएए और एनपीआर को लेकर कांग्रेस एनसीपी लगातार खिलाफत कर रहे हैं। सीएए कानून को रद्द करने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों की विधानसभाओं ने प्रस्ताव भी पास किया है। सवाल उठता है कि जब उद्धव ठाकरे सीएए का खुला समर्थन कर रहे हैं, तब क्या कांग्रेस अपना समर्थन जारी रखेगी? कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि वे सीएए को लागू नहीं करेंगे। अब जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सीएए को लागू करने की बात कर रहे हैं तब महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार को लेकर संशय उत्पन्न हो गया है। असल में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही मतभेद की खबरें आती रही है। हालांकि एनसीपी के नेता शरद पवार ने कहा है कि गठबंधन की सरकार चलती रहेगी। लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में देखना होगा कि महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार कितने दिन चलती है।
(एस.पी.मित्तल) (18-02-2020)
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