मध्यप्रदेश में लोकतंत्र का तमाशा: कमल नाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट न हो, इसलिए 26 मार्च तक विधानसभा स्थगित।
गवर्नर लालजी टंडन ने भाजपा विधायकों से कहा-मुझे अपने आदेश की पालना करवाना आता है।
शिवराज सिंह की याचिका पर 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।
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17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई:
16 मार्च को भाजपा के 106 विधायकों की परेड गवर्नर के समक्ष कराने के साथ ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर दी है। इस याचिका में मांग की गई कि कमल नाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया जाए। याचिका में कहा गया कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में सरकार अल्पमत में आ गई है। इसलिए गवर्नर ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने गवर्नर के आदेश के बाद भी बहुमत साबित नहीं किया। गवर्नर के आदेश का उल्लंघन पूरी तरह संविधान विरोधी है। याचिका में आग्रह किया गया कि 48 घंटों में फ्लोर टेस्ट करवाया जाए। शिवराज की इस याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में 17 मार्च को सुनवाई होगी।
(एस.पी.मित्तल) (16-03-2020)
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