यात्रियों की कमी की वजह से किशनगढ़ एयरपोर्ट से उड़ाने प्रभावित।
धारा १४४ का उल्लंघन कर शिक्षकों ने प्रदर्शन किया।
खाद्य वस्तुओं की कालाबजारी रोके अजमेर प्रशासन।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने १९ मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर २२ मार्च को देशभर में जनता कफ्र्यू लगाने की अपील की थी। लेकिन इस अपील का असर अजमेर में २१ मार्च को ही हो गया है। २१ मार्च को शहरभर के प्रमुख बाजार बंद रहे तथा सड़कों पर आवाजाही नहीं के बराबर हुई। यहां तक कि चाय की दुकानें भी बंद रही। यही वजह है कि अब २२ मार्च को अजमेर में जनता कफ्र्यू स्वत: ही सफल हो जाएगा। २१ मार्च को भी अधिकांश दुकानदार और शो रूम मालिक अपने घरों पर ही कैद रहे। यानि प्रधानमंत्री ने जो अपील की उसका व्यापक असर हुआ है। लोगों की आवाजाही न होने का असर किशनगढ़ एयरपोर्ट की उड़ानों पर भी पड़ा है। एयरपोर्ट के निदेशक अशोक कपूर ने बताया कि यात्रियों की संख्या में कमी होने की वजह से २१ मार्च को हैदराबाद और अहमदाबाद की उड़ाने नहीं हो सकी। स्पाइ जेट के विमान हैदराबाद और अहमदाबाद से किशनगढ़ आए ही नहीं। असल में यात्रियों ने अपनी बुकिंग रद्द करवा दी, इसलिए स्पाइ जेट ने उड़ाने भी रद्द कर दी। कपूर ने उम्मीद जताई है कि २२ मार्च को स्पाइ जेट की उड़ाने सूचारू हो सकती है। इस बीच २१ मार्च को दिल्ली की उड़ान यथावत रही।
शिक्षको का प्रदर्शन:
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए शिक्षकों की ड्यूटी अब घर घर जाकर बुखार, जुखाम आदि की जानकारी एकत्रित करने में लगाई गई है। शिक्षकों को सरकार के निर्देशों के मुताबिक यह भी पता करना है कि किस घर में कौनसा व्यक्ति बाहर से आया है। चूंकि यह जानकारी शिक्षकों को घर घर जाकर करनी है, इसलिए २१ मार्च को शिक्षकों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर तोपदड़ा स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया शिक्षकों के नेताओं ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री अपील कर रहे है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लोग घरों से नहीं निकले। लेकिन वहीं दूसरी ओर हजारों शिक्षकों को घर घर सम्पर्क करने के लिए कहा जा रहा है। शिक्षकों ने सवाल उठाया कि यदि ऐसे में शिक्षक किसी संक्रमण से ग्रसित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा? यहां यह उल्लेखनीय है कि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन धारा १४४ का उल्लंघन किया है। असल में जिला कलेक्टर ने कोरोना वायरस के देखते हुए जिले भर में धारा १४४ लगा रखी है। यानि एक स्थान पर पांच व्यक्तियों से ज्यादा एकत्रित न हों, लेकिन २१ मार्च को सैकड़ों शिक्षकों ने एक साथ प्रदर्शन में भाग लिया।
काला बजारी रोके:
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर बाजारों में अचानक खाद्य वस्तुओं की खरीददारी बढ़ गई है। जनता कफ्र्यू को देखते हुए लोग चाहते हैं कि जरूरी सामान संग्रहित कर लिया जाए। यही वजह है कि खाद्य वस्तुओं की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि खाद्य वस्तुओं की कोई कमी नहीं है लोग बेवजह संग्रहित नहीं करे। लेकिन बाजार में खरीददारी बढऩे से अनेक दुकानदारों खास कर थोक व्यापारियों ने कालाबजारी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन का दायित्व है कि वे ऐसे व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने १९ मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर २२ मार्च को देशभर में जनता कफ्र्यू लगाने की अपील की थी। लेकिन इस अपील का असर अजमेर में २१ मार्च को ही हो गया है। २१ मार्च को शहरभर के प्रमुख बाजार बंद रहे तथा सड़कों पर आवाजाही नहीं के बराबर हुई। यहां तक कि चाय की दुकानें भी बंद रही। यही वजह है कि अब २२ मार्च को अजमेर में जनता कफ्र्यू स्वत: ही सफल हो जाएगा। २१ मार्च को भी अधिकांश दुकानदार और शो रूम मालिक अपने घरों पर ही कैद रहे। यानि प्रधानमंत्री ने जो अपील की उसका व्यापक असर हुआ है। लोगों की आवाजाही न होने का असर किशनगढ़ एयरपोर्ट की उड़ानों पर भी पड़ा है। एयरपोर्ट के निदेशक अशोक कपूर ने बताया कि यात्रियों की संख्या में कमी होने की वजह से २१ मार्च को हैदराबाद और अहमदाबाद की उड़ाने नहीं हो सकी। स्पाइ जेट के विमान हैदराबाद और अहमदाबाद से किशनगढ़ आए ही नहीं। असल में यात्रियों ने अपनी बुकिंग रद्द करवा दी, इसलिए स्पाइ जेट ने उड़ाने भी रद्द कर दी। कपूर ने उम्मीद जताई है कि २२ मार्च को स्पाइ जेट की उड़ाने सूचारू हो सकती है। इस बीच २१ मार्च को दिल्ली की उड़ान यथावत रही।
शिक्षको का प्रदर्शन:
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए शिक्षकों की ड्यूटी अब घर घर जाकर बुखार, जुखाम आदि की जानकारी एकत्रित करने में लगाई गई है। शिक्षकों को सरकार के निर्देशों के मुताबिक यह भी पता करना है कि किस घर में कौनसा व्यक्ति बाहर से आया है। चूंकि यह जानकारी शिक्षकों को घर घर जाकर करनी है, इसलिए २१ मार्च को शिक्षकों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर तोपदड़ा स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया शिक्षकों के नेताओं ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री अपील कर रहे है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लोग घरों से नहीं निकले। लेकिन वहीं दूसरी ओर हजारों शिक्षकों को घर घर सम्पर्क करने के लिए कहा जा रहा है। शिक्षकों ने सवाल उठाया कि यदि ऐसे में शिक्षक किसी संक्रमण से ग्रसित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा? यहां यह उल्लेखनीय है कि शिक्षकों ने यह प्रदर्शन धारा १४४ का उल्लंघन किया है। असल में जिला कलेक्टर ने कोरोना वायरस के देखते हुए जिले भर में धारा १४४ लगा रखी है। यानि एक स्थान पर पांच व्यक्तियों से ज्यादा एकत्रित न हों, लेकिन २१ मार्च को सैकड़ों शिक्षकों ने एक साथ प्रदर्शन में भाग लिया।
काला बजारी रोके:
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर बाजारों में अचानक खाद्य वस्तुओं की खरीददारी बढ़ गई है। जनता कफ्र्यू को देखते हुए लोग चाहते हैं कि जरूरी सामान संग्रहित कर लिया जाए। यही वजह है कि खाद्य वस्तुओं की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि खाद्य वस्तुओं की कोई कमी नहीं है लोग बेवजह संग्रहित नहीं करे। लेकिन बाजार में खरीददारी बढऩे से अनेक दुकानदारों खास कर थोक व्यापारियों ने कालाबजारी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन का दायित्व है कि वे ऐसे व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।
(एस.पी.मित्तल) (21-03-2020)
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